पोखरी छ, पानी छैन, शारीर छ, जवानी छैन, मौन रहन देऊ शब्दहरु घटना छ, कहानी छैन, बितेका त्यी एतिहंस को समझाना छ, निसानी छैन, बालुवामा महल बनाउने अनुभन छ, बनी छैन, सूत तिमी सूत, भर्खर त मिर्मिरे छ , बिहानी छैन, निंद्रा पनी लागोस कसरी बिस्तरा छ, सिरानी छैन……॥
तुलसी राम केसी
इस्मा राजस्थल ३
गुल्मी नेपाल
+919694941406
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